आदर्श अवधि: 15-45 मिनट
सही वक्त: साल भर
निकटतम हवाई अड्डा:
निकटतम रेलवे स्टेशन:
पुरातत्व विभाग द्वारा प्राप्त साक्ष्य से पता चलता है कि बौद्ध धर्म पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा के लिए प्रासंगिक है। त्रिपुरा में बौद्ध मंदिर भी बताते हैं कि बौद्ध धर्म प्राचीन काल से काफी प्रासंगिक है। बौद्ध शासक राज्य पर शासन करते हैं और राज्य की संस्कृति और रीति-रिवाजों पर स्थायी प्रभाव छोड़ते हैं। लंबे समय तक गैर-बौद्ध शासकों द्वारा इस क्षेत्र पर शासन करने के बाद से बौद्ध धर्म को समाप्त कर दिया गया था। फिर से बौद्ध धर्म 17 वीं शताब्दी ईस्वी में पुनर्जीवित हुआ, तब से बौद्ध धर्म राज्य में स्थायी रूप से अस्तित्व में था। वर्तमान समय में, बौद्ध आबादी में चकमा, उचाई, बरुआ शामिल हैं, और मोग आदिवासी समुदाय राज्य के मुख्य निवासी हैं। अगरतला में बौद्ध मंदिर पूरे राज्य के सामाजिक-सांस्कृतिक जीवन में खड़े हैं। पूरे राज्य में मंदिरों की एक अलग स्थिति है। ये मंदिर भक्तों और दूर-दूर से बड़ी संख्या में आने वालों को आकर्षित करते हैं। अगरतला जाने से पहले बौद्ध साहित्य और संस्कृति का कुछ ज्ञान प्राप्त करें। अगरतला की यात्रा करने की योजना बनाएं और अपने परिवार और दोस्तों के साथ बौद्ध तीर्थस्थलों की यात्रा करें।