आदर्श अवधि: 1-2 घंटे
सही वक्त: साल भर
निकटतम हवाई अड्डा: श्री गुरु राम दास जी इंटरनेशनल एयरपोर्ट अमृतसर
निकटतम रेलवे स्टेशन:
गुरुद्वारा बीर बाबा बुड्ढा साहिब जिसे बीर साहिब के नाम से जाना जाता है, यह वह स्थान है जहाँ बाबा बुड्ढा जी ने अपने जीवन का अधिकांश भाग (1506 - 1631) बिताया। इस जगह जहाँ से गुरु अर्जन देव जी और उनकी पत्नी माता गंगा को पुत्र श्री हरगोबिंद सिंह जी का आशीर्वाद मिला था।कई वर्षों तक बिना बच्चे के रहने के कारण गुरु अर्जन देव की पत्नी गंगा देवी चिंतित हो गईं। गुरु अर्जन देव ने सुझाव दिया कि वह बाबा बुद्ध जी से भेंट माँगने के लिए उन्हें भेंट करें। माता जी ने अपने उपस्थित लोगों के द्वारा स्वादिष्ट भोजन तैयार किया और बड़े धूमधाम से इस स्थल पर बाबा जी के दर्शन किए। लेकिन बाबा जी ने भोजन लेने से इंकार कर दिया। बाद में माता जी ने स्वयं 'मिस्सी रोटी और प्याज़' का एक सादा और बुनियादी भोजन तैयार किया और फिर से बाबा बुद्ध जी से मिलने चली गईं। बाबा जी इस भाव से खुश हो गए और माता जी को यह कहकर आशीर्वाद दिया कि वह एक ऐसे पुत्र को जन्म देंगे जो आगे चलकर एक महान योद्धा बनेगा और ऐसा ही हुआ गुरु अर्जन देव जी और माता जी के छठे सिख गुरु बन गये हरगोबिंद जी। भक्त बड़ी संख्या में बाबा बुद्ध जी का आशीर्वाद लेने के लिए इस गुरुद्वारा में जाते हैं।
साल भर 06:00 पूर्वाह्न - 09:00 अपराह्न, अंतिम प्रविष्टि: 08:00 अपराह्न
सभी के लिए नि: शुल्क