आदर्श अवधि: 1-3 घंटे
सही वक्त: साल भर
निकटतम हवाई अड्डा: श्री गुरु राम दास जी इंटरनेशनल एयरपोर्ट अमृतसर
निकटतम रेलवे स्टेशन:
पांचवे सिख गुरु, गुरु अर्जन देव जी ने तरनतारन की स्थापना की है। श्री तरनतारन साहिब के गुरुद्वारे की आधारशिला उनके द्वारा रखी गई थी। गुरुद्वारा तरन साहिब सरोवर के दक्षिण-पूर्वी कोने पर एक सुंदर तीन मंजिला संरचना है। एक दो मंजिला धनुषाकार प्रवेश द्वार के माध्यम से पहुंच सकता है, यह संगमरमर के फर्श वाले मंच के बीच में खड़ा है। भवन के ऊपरी हिस्से को चमचमाती हुई सोने की चादरों से ढंका गया है। कमल का गुंबद एक भूकंप (4 अप्रैल 1905) में क्षतिग्रस्त हो गया था और बाद में एक छतरियों के आकार वाले सोने के पंखों के साथ एक सजावटी सोने के शिखर के रूप में फिर से संगठित हुआ। गुरु ग्रंथ साहिब जी को एक चबूतरा पर रखा गया है, जो सोने से बनी धातु की चादर से ढका हुआ है। यह सिंहासन कंवर नौ निहाल सिंह की ओर से भेंट था। सुबह से देर शाम तक कीर्तन चलता है। यदि आप इस गुरुद्वारे की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं तो आप यहाँ के वातावरण में शांति और आध्यात्मिकता महसूस करेंगे।
सभी के लिए नि: शुल्क