चित्तौड़गढ़ | राजस्थान | भारत
आदर्श अवधि: 2-3 घंटे
सही वक्त: साल भर
निकटतम हवाई अड्डा: महाराणा प्रताप हवाई अड्डा
निकटतम रेलवे स्टेशन:
चित्तौड़गढ़ में सबसे मनोरम स्थानों में से एक, कालिका माता मंदिर 14 वीं शताब्दी जितना पुराना है। इसने कहा कि पद्मिनी पैलेस के पार रखा गया यह मंदिर मूल रूप से सूर्य देवता का मंदिर था, जिसे 8 वीं शताब्दी के दौरान यहां बनाया गया था।
अलाउद्दीन खिलजी के हमले के बाद इस मंदिर को नष्ट कर दिया गया था। देवी काली (माँ दुर्गा के रूपों में से एक) को समर्पित, यह मंदिर एक वास्तुशिल्प रत्न है जो प्रतिहार काल से संबंधित है।
इस प्रकार, यह मंदिर न केवल एक लोकप्रिय धार्मिक स्थल है, बल्कि पर्यटकों और कला के क्षेत्र में भी काफी लोकप्रिय है, जो चित्तौड़गढ़ की यात्रा करते हैं। चित्तौड़गढ़ में कालिका मंदिर एक ऊंचे पोडियम पर स्थित है और इसमें जटिल रूप से मण्डप, प्रवेश द्वार, छत, और स्तंभ हैं।
हालाँकि, मंदिर का एक बड़ा हिस्सा तब नष्ट हो गया जब अल्लाउद्दीन खिलजी ने इस क्षेत्र पर हमला कर दिया था। मंदिर को पद्मिनी महल और विक्ट्री टॉवर के बीच रखा गया है, जो चित्तौड़गढ़ के लोकप्रिय पर्यटक आकर्षणों में से दो हैं।
मंदिर परिसर में एक विशाल खाली क्षेत्र भी है जहाँ रत्रि जागरण का आयोजन किया जाता है। कालिका माता मंदिर को पूर्व में प्रवेश द्वार के साथ एक चट्टान पर रखा गया है।
मंदिर परिसर में एक मंदिर भी है जो भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर को जोगेश्वर महादेव कहा जाता है।
साल भर 06:00 पूर्वाह्न - 08:00 अपराह्न, अंतिम प्रविष्टि: 08:00 अपराह्न
सभी के लिए नि: शुल्क
फोटोग्राफी की अनुमति नहीं है
वीडियोग्राफी की अनुमति नहीं है