तापमान: अधिकतम 30° C, न्यूनतम 12° C
आदर्श अवधि: 1-2 दिन
सही वक्त: साल भर
निकटतम हवाई अड्डा: लोकप्रिया गोपीनाथ बोरदोलोई इंटरनेशनल
निकटतम रेलवे स्टेशन:
गोआलपाड़ा असम राज्य में ब्रह्मपुत्र नदी के दक्षिणी किनारे पर स्थित एक खूबसूरत जिला है। गोआलपाड़ा का मुख्यालय ही गोआलपाड़ा है। यह जिला वर्ष 1983 में स्थापित किया गया था और इसने 1,824 वर्ग किमी के क्षेत्र परफैला हुआ है।
शहर का गोआलपाड़ा नाम 'ग्वाल्तिप्पिका' से लिया गया है जिसका अर्थ है, गुवाली गाँव या गाँव के दूधवाले। पर्यटकों के लिए यहां देखने और करने के लिए बहुत कुछ है। पर्यटक यहां काफी ऐतिहासिक विरासत और खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों का लुत्फ उठा सकते हैं।
हालांकि यह एक मैदानी इलाका है, लेकिन यहां कई छोटी-छोटी पहाड़ियां भी हैं, जिनकी ऊंचाई करीब 100-500 मीटर है। इन पहाड़ियों के नाम पंचरतन, श्री सूर्य, तुर्केश्वरी और नालंग हैं।
पर्यटक यहां पहाड़ों के अलावा कई नदियों के दर्शन भी कर सकते हैं। इन नदियों में ब्रह्मपुत्र नदी सबसे प्रमुख है और शेष इसकी सहायक नदियाँ हैं। दुधनोई, कृष्णा, जिंजीराम और जिनरी प्रमुख सहायक नदियाँ हैं। दुधनोई और कृष्णा मेघालय की चोटियों से निकलती हैं और मटिया में मिलती हैं। संगम के बाद यह एक नदी बन जाती है और मोरनोई के नाम से जानी जाती है। बाद में, मोरनोई ब्रह्मपुत्र में शामिल हो जाता है। पहाड़ों और नदियों के साथ-साथ इसकी झीलें भी खूबसूरत हैं। स्थानीय निवासी इन झीलों को बील के नाम से पुकारते हैं। प्रमुख झीलों में उरपाड़ा बील, हसीला बील, कुमारी बील और धमार रिसान बील हैं। झीलों के अलावा यहां कई तालाब भी बने हैं। ये तालाब बहुत सुंदर हैं।
पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए असम सरकार यहां कई वन्यजीव अभ्यारण्य स्थापित करने जा रही है। असमिया जिले की आधिकारिक भाषा है और असमिया के अलावा बोली जाने वाली अन्य भाषा बंगाली और नेपाली है।
यहां के मुख्य आकर्षण सूर्य पहाड़, तुकेश्वरी, नंदेश्वर देवालय, बुराबुरी थान, श्यामराय सत्र, दादन हिल्स, हुलकुंडा पहाड़, कुमारी बील, देखधोवा, बरदा चिबनांग, श्रीमंत शंकर मठ, श्री चैतन्य गौड़ीय मठ, पीर मजहर और बरभिता में पगलार्तक बाबा हैं। .