आदर्श अवधि: 3-4 घंटे
खुलने का समय: Throughout the year
निकटतम हवाई अड्डा: हुबली, बेल्लारी
निकटतम रेलवे स्टेशन: होसपेट
मतंग हिल हिंदू पौराणिक कथाओं, रामायण में वर्णित महत्वपूर्ण स्थानों में से एक है। वह स्थान ऋषि मातंग की धर्मपत्नी थी। बंदर राजकुमार वली ने दुधुवी नामक एक भैंस दानव को मार डाला और लाशों को पवित्र मातंगा पहाड़ी पर फेंक दिया। इस कृत्य पर क्रोधित होकर ऋषि मतंगा ने वली को शाप दिया कि वह इस पहाड़ी पर कभी उद्यम नहीं कर सकता। बाद में दुंदुभी के बेटे मायावी ने अपने पिता की मौत का बदला लेने के लिए वली से लड़ाई की। वली ने एक गुफा में उसका पीछा किया; और अपने भाई सुग्रीव को बाहर खड़े रहने को कहा। थोड़ी देर सोचने के बाद कि वली लड़ाई में मारा गया, सुग्रीव ने गुफा को बंद कर दिया। अंत में वली गुफा से निकला और बंदर राज्य से सुग्रीव का पीछा किया। सुग्रीव ने अपने योद्धा जनरल हनुमान के साथ मतंग पहाड़ी पर शरण ली, क्योंकि वली इस पहाड़ी पर नहीं चढ़ सकता था। बाद में भगवान राम ने वली को मार दिया और सुग्रीव को बंदरों के राजा के रूप में ताज पहनाया।
साल भर 06:00 पूर्वाह्न - 06:00 अपराह्न, अंतिम प्रविष्टि: 05:30 अपराह्न