आदर्श अवधि: 2-3 घंटे
सही वक्त: साल भर
निकटतम हवाई अड्डा: जोधपुर
निकटतम रेलवे स्टेशन:
जैन धर्म के 23 वें तीर्थंकर आदरणीय भगवान श्री पार्श्वनाथ की आदमकद प्रतिमा यहां स्थापित की गई है। इसकी प्राचीनता को साबित करने के लिए कुछ तथ्य निम्नानुसार हैं।
भयानक और मूसलाधार बारिश के बावजूद, धर्मेंद्र देव ने भगवान की भक्ति को लगभग तीन दिनों तक जारी रखा, इसकी स्मृति में भगवान की प्रतिमा को गढ़ा गया। जिसका उदाहरण श्री पार्श्वनाथ चरित्र, पार्श्वनाथ पंच-कल्याणक पूजन और जैन धर्म से संबंधित विभिन्न अन्य ग्रंथों में वर्णित किया गया है।
उनके जीवनकाल के दौरान व्यक्तियों द्वारा महान संत की मूर्तियों की रचनाओं के बारे में पुरानी संधियों में एक संदर्भ है और इसलिए यह अनुचित या आश्चर्यजनक नहीं हो सकता है।
प्रतिमा की पीठ पर पवित्र विशेष प्रकाश के निशान भी इस बात को प्रमाणित करते हैं और मूर्तियों के विशेषज्ञों ने भी उनके तथ्यों का समर्थन किया है।