आदर्श अवधि: 1-2 घंटे
सही वक्त: साल भर
निकटतम हवाई अड्डा: लोकप्रिया गोपीनाथ बोरदोलोई इंटरनेशनल
निकटतम रेलवे स्टेशन: जोरहाट
ढेकियाखोवा बोर नामघर असम के जोरहाट जिले में स्थित एक प्रसिद्ध नामघर है। इसकी स्थापना सन् १४६१ में संत सह सुधारक माधवदेव ने की थी, उन्होंने मिट्टी का दीया जलाया था और यह आज तक जल रहा है।
इस नामघर के पुजारी आवश्यकता पड़ने पर मिट्टी के दीये में ईंधन भरते रहते हैं। यह असम के सबसे पुराने नामघरों में से एक है, और इसका एक बड़ा परिसर है। नामघर शब्द का अर्थ है नाम घर, जो असम राज्य में एकासरण नामक धर्म से जुड़ा है, और यह उनका सामूहिक पूजा स्थल है।
ढेकियाखोवा बोर नामघर 13 बीघा के क्षेत्र में फैला हुआ है, और परिसर में नामघर के अलावा कुछ संरचना भी है। भक्तों द्वारा दिया गया दान परिसर और नामघर के रखरखाव में मदद करता है।
समिति पूरे वर्ष विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को भी प्रायोजित करती है। इस जगह का वातावरण बहुत ही शांतिपूर्ण है।
साल भर 06:00 पूर्वाह्न - 07:00 अपराह्न, अंतिम प्रविष्टि: 05:30 अपराह्न
सभी के लिए नि: शुल्क