आदर्श अवधि: 1-3 घंटे
खुलने का समय: Throughout the year
निकटतम हवाई अड्डा: पंतनगर
निकटतम रेलवे स्टेशन: काठगोदाम
लक्ष्मी आश्रम 1948 में महात्मा गांधी के अनुयायी कैथरीन हिलमैन द्वारा बनवाया गया था, और उन्हें सरदार आश्रम के नाम से भी जाना जाता था। वह गांधी जी की बहुत बड़ी प्रशंसक थीं। 1931 में वह लंदन छोड़कर भारत आ गईं और महात्मा गांधी के स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गईं। बाद में उन्होंने अपना नाम सरलाबेन बदल लिया और हिमालय क्षेत्र में रहने वाली लड़कियों को शिक्षित करने के लिए इस आश्रम की स्थापना की। इस आश्रम में लड़कियों को खाना बनाना, सब्जी लगाना और साफ-सफाई करना सिखाया जाता है। यही नहीं, कई अनाथ लड़कियां और महिलाएं भी इस आश्रम में रहती हैं। आश्रम का उद्देश्य कुमाऊं की महिलाओं को रहने के लिए एक सुरक्षित स्थान प्रदान करना है और उन्हें आत्मनिर्भर बनने का कौशल भी सिखाना है।