आदर्श अवधि: 2-3 घंटे
सही वक्त: साल भर
निकटतम हवाई अड्डा: रोवरिया
निकटतम रेलवे स्टेशन: जोरहाट कस्बा
दखिनपत सतरा माजुली की एक प्रसिद्ध सामाजिक संस्था है। इसकी स्थापना 1584 में वंशीगोपाल के एक अनुयायी ने की थी। यह कला और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण केंद्र है और विभिन्न मूर्तियों, चित्रों और नृत्यों को प्रदर्शित करता है।
पहले यह सतरा अहोम वंश के राजाओं के संरक्षण में था। इसे नृत्य सभा भी कहा जाता है, क्योंकि श्री शंकरदेव ने विभिन्न प्रकार के नृत्य रूपों में यहाँ योगदान दिया है। सतरा के गेट को धार्मिक रूपांकनों और फूलों और जानवरों के चित्रों से सजाया गया है।
असम का राष्ट्रीय त्यौहार, जिसे रासलीला कहा जाता है, हर साल यहाँ मनाया जाता है। यह असम का मुख्य त्योहार है। इस अवधि के दौरान, हजारों भक्त यहां आते हैं। यहां रहने वाले महंत को भक्त के रूप में जाना जाता है, और वर्तमान में, यहां लगभग 90 से 100 भक्त हैं।
यह संगठन अधिकारी की देखरेख में है। संत श्रीमंत शंकरदेव के अवशेषों और पांडुलिपियों को सतभरी द्वारा संरक्षित किया गया है। ये सतपुत्र महापुरुजिया धर्म का पालन करते हैं, और महाप्रभु जडवारो ने यहाँ पूजा की।