आदर्श अवधि: 1-3 घंटे
खुलने का समय: Throughout the year
निकटतम हवाई अड्डा: मैसूर
निकटतम रेलवे स्टेशन: बंगलोरे सिटी
चामुंडी पहाड़ी, समुद्र तल से 1065 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, और यदि आप मैसूर घूमने जा रहे हैं, तो यहां भी जाने का प्रयास करें। चामुंडी पहाड़ी की चोटी पर चामुंडेश्वरी मंदिर है, जो देवी पार्वती के अवतार चामुंडेश्वरी को समर्पित किया गया है। यह वोडेयार की देवी हुआ करती थी। यह मंदिर 11 वीं शताब्दी में बनाया गया था और 1827 में मैसूर राजाओं द्वारा मरम्मत की गई थी। एक पौराणिक कथा के अनुसार, महिषासुर को ब्रह्माजी का आशीर्वाद था कि वह केवल एक महिला द्वारा मारा जाएगा। इसके अलावा और कुछ भी इसे खराब नहीं कर सकता था। वर पाने के बाद महिषासुर ने देवताओं और ऋषियों पर अत्याचार करना शुरू कर दिया। महिषासुर से छुटकारा पाने के लिए दुखी देवताओं ने महाशक्ति भगवती की पूजा की। देवी की प्रार्थना से प्रसन्न होकर देवी भगवती ने उन्हें महिषासुर के अत्याचारों से मुक्ति दिलाने का आश्वासन दिया। इसके बाद देवी भगवती और महिषासुर के बीच भयंकर युद्ध हुआ। देवी ने सभी असुर सेना का वध किया और अंत में महिषासुर का सिर काट दिया। देवी के इस रूप का नाम चामुंडा, मंदिर के सामने राक्षस राजा महिषासुर की मूर्ति रखी गई है। चामुंडी पहाड़ी की एक और खासियत है कि यहां पांच मीटर ऊंची नंदी प्रतिमा है, जिसे 1659 में काले ग्रेनाइट से खोदाई कर बनाया गया था। ऊपर पहाड़ी चामुंडेश्वरी और हनुमान को समर्पित एक और छोटा मंदिर है, जो सुबह 7.30 से 2 बजे और दोपहर 3.30 से शाम 6 बजे तक खुला रहता है। चामुंडी पहाड़ी से, आप शहर का सुंदर दृश्य देख सकते हैं।