आदर्श अवधि: 1-3 घंटे
खुलने का समय: Throughout the year
निकटतम हवाई अड्डा: मैसूर
निकटतम रेलवे स्टेशन: बंगलोरे सिटी
जगनमोहन महल शहर की सबसे पुरानी इमारतों में एक है। मैसूर के राजाओं द्वारा 1961 में बनाया गया था। जब 1897 में पुराने लकड़ी के महल को आग से नष्ट कर दिया गया था, तो जगनमोहन महल भी शाही परिवारों का निवास था, जब तक कि मुख्य महल का निर्माण नहीं हो गया था। 1902 में कृष्णराज वोडेयार चतुर्थ ने महल को अपनी कमान में ले लिया, और इस अवसर पर आयोजित समारोह हुआ था भारत के वायसराय और गवर्नर जनरल लॉर्ड कारजन ने भाग लिया। पर्यटक महल में शादी के मंडप को भी देख सकते हैं, जिसे कृष्णराज वोडेयार IV की शादी के दौरान बनाया गया था। इस मंडप को दरबार हॉल के नाम से भी जाना जाता है और इसकी प्रसिद्धि इसलिए है क्योंकि कृष्णराज वोडेयार चतुर्थ अपना जन्मदिन यहाँ मनाते थे। इस हॉल का उपयोग संगीत समारोह, नाटक और सांस्कृतिक गतिविधियों के साथ-साथ मैसूर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के लिए किया जाता था। इसका उपयोग दशहरा उत्सव के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों और समारोहों के लिए किया जाता है। महल में लकड़ी के दो विशाल दरवाजे हैं, जिनमें भगवान विष्णु के दशावतार, नक्काशी और मैसूर के राजाओं के हस्तशिल्प हैं।