आदर्श अवधि: 1-3 घंटे
खुलने का समय: Throughout the year
निकटतम हवाई अड्डा: मैसूर
निकटतम रेलवे स्टेशन: बंगलोरे सिटी
मैसूर चिड़ियाघर 1892 में महाराजा चामराजा वोडेयार द्वारा बनाया गया था और इसे भारत के सबसे बेहतरीन प्राणि उद्यानों में गिना जाता है। ये 250 एकड़ में फैला हुआ है, यहा स्तनधारियों, सरीसृप और पक्षियों की कई दुर्लभ प्रजातियों के घर है। पहले चिड़ियाघर का नाम पैलेस जू था, और शाही परिवार यहां आते थे। हालांकि, बाद में चामराजेंद्र वोडेयार ने आम लोगों को इस चिड़ियाघर में प्रवेश करने की अनुमति दी। इन दिनों चिड़ियाघर को लुप्तप्राय प्रजातियों की संख्या बढ़ाने के उद्देश्य से कैप्टिव प्रजनन कार्यक्रमों के लिए उपयोग किया जाता है।आप हाथी, युवा बंदर, जंगली बैल, तेंदुए और बाघ शावक देख सकते हैं। यह बारबरी भेड़, जेब्रा, जिराफ, ईमू, चिंपांजी, हिप्पोपोटामस, कंगारू, टाइगर, सांगाई, पिसौरी, चार सींग वाले चिकारा, कारकेयर, बिलवा कस्तूरी, निगिरी लंगूर, चिंकारा, बिंटुरोंग, और लिंटोरिंग के प्रजनन के लिए जाना जाता है।