आदर्श अवधि: 1-3 घंटे
खुलने का समय: Throughout the year
निकटतम हवाई अड्डा: मैसूर
निकटतम रेलवे स्टेशन: बंगलोरे सिटी
श्री कांतेश्वर मंदिर एक शिव मंदिर है जो द्रविड़ शैली में बनाया गया है। स्थानीय लोगों के अनुसार, भगवान शिव इस मंदिर में रहते थे। गंगा शासकों द्वारा निर्मित और होयसला राजाओं द्वारा देखभाल की गई थी। इतिहासकारों का कहना है कि टीपू सुल्तान के बीमार हाथी को नंजुन्देश्वर मंदिर में कई प्रार्थनाओं के बाद ठीक किया गया था। इसलिए टीपू सुल्तान और हैदर अली का नंजुंदेश्वर मंदिर में अटूट विश्वास था। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस मंदिर में जाने से भक्तों की पीड़ा दूर हो जाती है। यहां साल में दो बार रथोत्सव मनाया जाता है। दौड़ को जाहरे भी कहा जाता है। इस जात्रा में, भगवान गणेश, श्री कांतेश्वर, सुब्रमण्य, चंद्रकेश्वर, और देवी पार्वती की मूर्ति को अलग-अलग रथों में स्थापित किया जाता है, और पूजा अर्चना करके अनुष्ठान शुरू होता है। इस त्योहार को देखने के लिए हजारों लोग इकट्ठा होते हैं। यह मंदिर देखने लायक है।