आदर्श अवधि: 1-2 घंटे
सही वक्त: साल भर
निकटतम हवाई अड्डा: पटना
निकटतम रेलवे स्टेशन: नालंदा
वर्ष 1917 में स्थापित यह संग्रहालय भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के सबसे प्रतिष्ठित संग्रहालयों-स्थल में से एक है। इसमें नालंदा महाविहार के उत्खनन स्थल से प्राप्त पुरावशेष हैं। मुख्य हॉल पत्थर की उत्कृष्ट कृतियों और दो विशाल मिट्टी के भंडारण जार प्रदर्शित करता है। बारह हाथ वाले बोधिसत्व अवलोकितेश्वर, सामंतभद्र की लगभग दो मीटर ऊँची छवि, नागराज के साथ सात सर्पों की छतरी, धर्मचक्र मुद्रा में विराजमान बुद्ध की एक विशाल प्रतिमा, एक तांत्रिक देवता त्रिलोकीविजय त्रिमुखी शिव-गौरी और बुद्ध को भूपाल में बैठाया गया है। यह हाल है, हॉल के केंद्रीय स्थान को टेबल शोकेस में उत्खनन स्थल के पैमाने मॉडल द्वारा कब्जा कर लिया गया है।