तापमान: अधिकतम 37° C, न्यूनतम 22° C
आदर्श अवधि: 1-2 दिन
खुलने का समय: Throughout the year
पट्टदकल मालप्रभा नदी के तट पर स्थित है। यह शहर बागलकोट जिले में है। पट्टदकल चालुक्य वंश के वास्तुशिल्प कौशल के लिए एक वसीयतनामा है। शहर को पहले पट्टादा किशुवलाल कहा जाता था, जो सिटी ऑफ क्राउन रूबीज में तब्दील हो गया।
पट्टडाकल में 10 प्रमुख मंदिर हैं, जो सभी भगवान शिव को समर्पित हैं। मंदिरों में दक्षिण भारतीय (द्रविड़ियन) और उत्तर भारतीय (नगर) वास्तुकला की शैली के तत्व हैं। इन मंदिरों की कालातीत सुंदरता और ऐतिहासिक प्रासंगिकता ने उन्हें 1987 में एक विश्व धरोहर स्थल का दर्जा प्राप्त करने के लिए देखा।
चार मंदिरों का निर्माण वास्तुकला की पारंपरिक द्रविड़ शैली में किया गया है, जिसमें 4 अन्य मंदिर हैं जिनमें नागरा वास्तुकला के तत्व शामिल हैं। शेष दो मंदिर दोनों स्थापत्य शैली के संगम हैं।
पूरा शहर शिव की शक्ति से गूंजता है और हर साल कई हजार पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है।