आदर्श अवधि: 4-6 घंटे
सही वक्त: साल भर
निकटतम हवाई अड्डा: भुवनेश्वर
निकटतम रेलवे स्टेशन:
रघुराजपुर गाँव, भार्गवी नदी के दक्षिणी किनारे पर स्थित रमणीय स्थल, नारियल, ताड़, आम, कटहल, पेड़ों और अन्य उष्णकटिबंधीय पेड़ों से घिरा हुआ है। यह गांव गोटीपुआ नृत्य, कई सुपारी बागानों, आसपास के धान के खेतों के लिए भी प्रसिद्ध है।
आगंतुक न केवल बहुत नज़दीक से एक ठेठ ओरिसन गाँव को देखने के लिए आते हैं, बल्कि एक ही स्थान पर उड़िया कला और शिल्प की समृद्ध परंपराओं का आनंद भी लेते हैं।
इसके पास कारीगरों का एक समुदाय है, जो विभिन्न प्रकार की हस्तशिल्प वस्तुओं का निर्माण करते हैं, जैसे पेंटिंग, ताड़ के पत्ते की नक्काशी, पत्थर की नक्काशी, कागज के बने खिलौने और मुखौटे, लकड़ी की नक्काशी, लकड़ी के खिलौने, गाय के गोबर के खिलौने, टसर पेंटिंग आदि।
देश के सांस्कृतिक और पर्यटन मानचित्र एक विरासत गंतव्य के रूप में, उड़ीसा पर्यटन मंत्रालय, सरकार। भारत के ग्रामीण पर्यटन परियोजनाओं के तहत इस गांव को विकसित किया है। पर्यटक के लिए रेस्तरां, आवास, गुरुकुल के साथ-साथ शिल्प केंद्र जैसी सुविधाएं बनाई गईं।
ओडिया हस्तशिल्प के बारे में जानने के लिए, आपको पुरी के इस गाँव में जाना होगा।