सारनाथ | उत्तर प्रदेश | भारत
आदर्श अवधि: 1-3 घंटे
खुलने का समय: Throughout the year
निकटतम हवाई अड्डा: वाराणसी
निकटतम रेलवे स्टेशन: गोरखपुर, वाराणसी
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने 1930 में सारनाथ में खुदाई शुरू की और कई स्मारकों, संरचनाओं और प्राचीन कलाकृतियों को पाया। यह एक पुरातात्विक और खुला क्षेत्र के रूप में जाना जाता है।
यहां मिली कलाकृतियां सारनाथ संग्रहालय में प्रदर्शित हैं। संग्रहालय में तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से 12 वीं शताब्दी ईसा पूर्व तक बुद्ध कला के बेहतरीन नमूने हैं। संग्रहालय में कुल पाँच दीर्घाएँ और दो गलियारे हैं।
सारनाथ में बौद्ध मूर्तियों का विस्तृत संग्रह है। संग्रहालय में लगभग 6,832 मूर्तियां और कलाकृतियां हैं। संग्रहालय की पूरी इमारत एक सपाट छत के साथ बलुआ पत्थर से बनी है। सारनाथ का भारत में बौद्ध धर्म के विकास से गहरा संबंध है।
यहीं पर गौतम बुद्ध ने अपने पांच शिष्यों को पहला उपदेश दिया था। उस समय, धर्म के सिद्धांत, चार आर्य सत्य, और आर्य अष्टांग मार्ग दुनिया को दिखाई दिए।
बाद में, सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म अपनाया और उत्तर भारत में कई स्तंभों और स्तूपों का निर्माण किया, जिनमें से कुछ सारनाथ में स्थित हैं।
साप्ताहिक बंद दिन: शुक्रवार