आदर्श अवधि: 45 मिनट - 1 घंटा
खुलने का समय: Throughout the year
निकटतम हवाई अड्डा: बागडोगरा
निकटतम रेलवे स्टेशन: न्यू जलपागुरी
दक्षिण सिक्किम के छोटे से शहर नामची में स्थित सिद्धेश्वर धाम, इस मंदिर में भगवान शिव की ऊंची मूर्तियां हैं। नामची के चारधाम परिसर का मुख्य आकर्षण सोलोफोक पहाड़ियों पर स्थित भगवान शिव की 87 फीट ऊंची प्रतिमा है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव पूरे चार धाम परिसर और उसके आसपास की घाटियों की देखरेख करते हैं। यह मूर्ति पहाड़ी के पश्चिमी छोर पर स्थित है, जिसका मुख पूर्वी दिशा की ओर है। यह मूर्ति 12 ज्योतिर्लिंगों से घिरी हुई है। ये 12 प्रसिद्ध शिव मंदिर भारत के धार्मिक भूगोल में फैले हुए हैं। प्रत्येक लिंगम अपने मूल स्थान पर स्थापित लिंगम की प्रतिकृति है। महाकाव्य महाभारत में एक अध्याय है जहां अर्जुन भगवान शिव से पशुपति अस्त्र प्राप्त करने के लिए तपस्या करते हैं। और तब भगवान शिव उनकी कठिन तपस्या से खुश होते हैं और उन्हें पशुपति अस्त्र का वरदान देते हैं। घटना नामची के सोलोफोक पहाड़ी पर हुई थी। भगवान शिव के अवतार की खुशी मनाने के लिए इस पहाड़ी पर चारधाम का परिसर बनाया गया। इस परिसर का उद्घाटन नवंबर 2011 में जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज और कई धार्मिक गणमान्य लोगों द्वारा किया गया था। हमेशा बादल इस अनोखी तीर्थयात्रा का हिस्सा बने रहते हैं, क्यूंकी यह एक उँची पहाड़ी पर स्थित है। इन बादलों से गुजरते हुए, आप बादलों के बीच मंदिर और भगवान शिव की मूर्ति को देख सकते हैं, जो आपको एक झलक देते हैं और बादलों के पीछे खो जाते हैं। ऐसा लगता है जैसे ईश्वर आपको अन्य कार्यों से आगे बढ़ने से पहले दर्शन दे रहें है। अगर कभी यह जगह थोड़ा फीका हो जाए तो, यहां के फूल अपने जीवंत रंगों से वातावरण में खुशी भर देते हैं।
साल भर 06:00 पूर्वाह्न - 09:00 अपराह्न, अंतिम प्रविष्टि: 08:45 अपराह्न
सबके लिए: रुपया 50 (Adult) नि: शुल्क (सीनियर सिटीजन 60 वर्ष से अधिक)
सबके लिए: रुपया 50 (वाहन पार्किंग)