आदर्श अवधि: 30-45 मिनट
सही वक्त: साल भर
निकटतम हवाई अड्डा: बागडोगरा
निकटतम रेलवे स्टेशन: न्यू जलपागुरी
गुरु रिनपोछे की विशाल प्रतिमा, दक्षिण सिक्किम के नामची के सामने समद्रेप पहाड़ी पर स्थित दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है, जो 118 फीट ऊंची है और फरवरी 2004 में पूरी हुई। वह भारत के एक ऋषि व्यक्ति थे, जिनका वास्तविक नाम पद्मसंभव था, जो सिक्किम के संरक्षक संत थे। । जिन्होंने 8 वीं शताब्दी ईस्वी में भूटान और तिब्बत में वज्रयान बौद्ध धर्म को ले जाने और फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्हें गुरु रिनपोचे या लोपोन रिनपोचे के रूप में जाना जाता है। निदामा संप्रदाय के अनुयायी उन्हें दूसरा बुद्ध मानते हैं। यह वह स्थान है जहाँ किसी की इच्छा पूरी की जा सकती है। यह कहा जाता है कि समद्रेप पहाड़ी की सक्रियता में एक निष्क्रिय ज्वालामुखी है। एक धारणा यह भी है कि भिक्षु पहाड़ी पर जाते हैं और ज्वालामुखियों को शांत रखने के लिए प्रार्थना करते हैं। शहर से कुछ ही दूरी पर समद्रेप के लिए सड़क पर एक रॉक गार्डन भी है। सामद्रुप पहाड़ी से आपको बर्फ से ढकी कंचनजंगा पहाड़ी का मनोरम दृश्य देखने को मिलेगा।
साल भर: 24 घंटे खुला रहता है