आदर्श अवधि: 3-4 घंटे
खुलने का समय: Throughout the year
निकटतम हवाई अड्डा: श्रीनगर
निकटतम रेलवे स्टेशन: उधमपुर, जम्मू तवी
वर्ष 1898 में स्थापित, श्री प्रताप सिंह संग्रहालय लाल मंडी, श्रीनगर में झेलम नदी के बाएं किनारे पर स्थानीय लोगों द्वारा आगंतुकों के रूप में बहुत अधिक देखा गया स्थानों में से एक रहा। संग्रहालय का महत्व इसकी ऐतिहासिकता पर निर्भर करता है। 1846 में महाराजा गुलाब सिंह द्वारा राज्य में डोगरा शासन की शुरुआत के बाद से, यह संग्रहालय पुरातनपंथी, इतिहासकारों और कला के प्रेमियों के लिए मनोरंजन और ज्ञान का एक महत्वपूर्ण स्रोत बना रहा। तथ्य यह है कि यह हमेशा एक बहुत ही महत्वपूर्ण और मूल्यवान स्रोत बना हुआ है जहां दुर्लभता और मूल्य की कलाकृतियां जमा की जाती हैं। इसमें कुछ दुर्लभ मूर्तियों, संख्यावाद, टेराकोटा और मिट्टी के बर्तनों, लघु चित्रों और तस्वीरों, कवच और उच्चारण, बर्तन, असबाब, लकड़ी के काम के नमूने, पेपर मशीन और शॉल बुनाई आदि शामिल हैं। यह संग्रहालय जम्मू और कश्मीर के प्राचीन और आधुनिक इतिहास को बताता है। यह सरकार की ओर से संग्रहालय को आधुनिक तकनीकों और प्रदर्शनी के अनुरूप एक नया आधुनिक भवन बनाने के लिए सही निर्णय था। नतीजतन, नए संग्रहालय परिसर के लिए एक मोटी राशि मंजूर की गई थी, जो लाल मंडी क्षेत्र में मौजूदा संग्रहालय भवन से सटे हुए थे।