वाराणसी | उत्तर प्रदेश | भारत
आदर्श अवधि: 30-45 मिनट
सही वक्त: साल भर
निकटतम हवाई अड्डा: वाराणसी
निकटतम रेलवे स्टेशन: वाराणसी
भगवान गौतम बुद्ध ने वाराणसी में सारनाथ में पहला उपदेश दिया। यहाँ चीन के कारीगरों द्वारा 1939 में चीन के फुकियन निवासी श्रीतुली चुन सांग द्वारा एक मंदिर का निर्माण किया गया है। वाराणसी में सारनाथ में चीनी और थाई शैलियों में बनी गौतम बुद्ध की तीन अलग-अलग मूर्तियां हैं। मंदिर कई एकड़ में फैला हुआ है। मूर्तियों को बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला पत्थर चीन और म्यांमार से लिया गया था। इसे चीनी कलाकारों ने ब्रूसनी कला शैली में उकेरा था। जब निर्माण शुरू हुआ, तो दुनिया भर में रहने वाले चीनी भिक्षुओं ने धन दान किया। इसके बड़े हॉल के बीच में भगवान बुद्ध की एक मूर्ति है। मंदिर का मुख्य द्वार और पूरी सीमा चीनी भक्तों द्वारा 1952 में बनाई गई थी। मंदिर में सुंदर हजारा, चीन के पांच प्रमुख धार्मिक गुरुओं मोजी, मेनसी, लोलाओजी, कन्फ्यूशियस, ज्वांगजी के लैंप और पेंटिंग हैं। इसलिए जब भी आप वाराणसी जाएँ तो चीनी मंदिर अवश्य जाएँ।