तापमान: अधिकतम 32° C, न्यूनतम 10° C
आदर्श अवधि: 4-6 दिन
सही वक्त: साल भर
वाराणसी को बनारस और काशी के नाम से भी जाना जाता है। यह शहर दुनिया का सबसे पुराना और लगातार बढ़ता शहर है। इस शहर को भी भगवान शिव का शहर कहा जाता है। भगवान शिव हिंदुओं के मुख्य देवता हैं, जिन्हें सृजन और विनाश का प्रतीक माना जाता है। वाराणसी हिंदू धर्म के सबसे पवित्र शहरों में से एक है। इस शहर के बारे में हिंदू धर्म में बहुत मान्यता है कि अगर कोई व्यक्ति यहां आता है और मर जाता है या काशी में उसका अंतिम संस्कार करता है, तो उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है यानी वह व्यक्ति जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाता है। इसलिए, इस स्थान को मुक्ति स्थल के रूप में भी जाना जाता है। वाराणसी के बारे में लोगों की अटूट आस्था है कि अगर हम यहां बहने वाली पवित्र नदी गंगा में डुबकी लगाते हैं तो सारे पाप धुल जाते हैं। कई पर्यटकों के लिए, सूर्योदय और सूर्यास्त में गंगा में एक डुबकी एक अनूठा और यादगार अनुभव है। वाराणसी के मुख्य घाटों पर हर शाम आरती का आयोजन किया जाता है। इस रहस्यमयी शहर का सबसे आकर्षक पहलू यह है कि सभी रचनाएँ और अनुष्ठान यहाँ के मुख्य घाटों पर पूरे किए जाते हैं, जिसमें हर काम अच्छी तरह से व्यवस्थित और संपन्न होता है, लोग गंगा में डुबकी लगाते हैं, आरती करते हैं, शवों का दाह संस्कार करते हैं। उन्हें स्नान भी कराया जाता है। इन गतिविधियों के अलावा, आप यहां लोगों को नदी के किनारे योग, मालिश, शेविंग और क्रिकेट जैसे खेल खेलते हुए भी देख सकते हैं।