आदर्श अवधि: 1-2 घंटे
सही वक्त: साल भर
निकटतम हवाई अड्डा: वाराणसी
निकटतम रेलवे स्टेशन: वाराणसी
तुलसी मनसा मंदिर काशी के आधुनिक मंदिरों में सबसे सुंदर मंदिरों में से एक है। यह मंदिर शांति का प्रतीक है। यहां प्रवेश करने पर, मन को शांति मिलती है। श्री राम, माता जानकी, लक्ष्मणजी और हनुमानजी मंदिर के बीच में बैठे हैं। एक तरफ माता अन्नपूर्णा और शिवजी का मंदिर है और दूसरी तरफ सत्यनारायणजी का मंदिर है। इस मंदिर की पूरी दीवार पर राम चरित मानस लिखा हुआ है। संत तुलसी दास जी अपनी दूसरी मंजिल पर बैठे हैं, साथ ही इस मंजिल पर श्री राम और कृष्ण लीला की स्वचालित प्रतिमा भी है। मंदिर के चारों ओर बहुत सुंदर घास के लॉन और रंगीन स्प्रे हैं, जो बहुत ही आकर्षक है। यहां अन्नकूट पर्व पर छप्पन भोग की झांकी बहुत ही मनमोहक लगती है। काशी के स्थानीय लोगों का कहना है कि किसी समय यहाँ एक छोटा सा मंदिर हुआ करता था। 1964 में, कलकत्ता के एक व्यापारी सेठ रतनलाल सुरेका ने सफ़ेद संगमरमर से एक भव्य मंदिर का निर्माण कराया, जिसका उद्घाटन भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने किया था। इस अद्भुत और सुंदर मंदिर के बीच, मर्यादापुरुषोत्तम प्रभु श्री राम जी, माता सीता जी, लक्ष्मण जी, और हनुमान जी की सुंदर मूर्तियाँ सुशोभित हैं। ये मूर्तियाँ जंगम हैं। यहाँ भी एक तरफ माता अन्नपूर्णा और शिव जी का मंदिर है और दूसरी तरफ भगवान सत्यनारायण। काशी के अन्य भीड़ भरे मंदिरों के विपरीत, इस मंदिर का शांत वातावरण लोगों को अपनी ओर खींचता है। तुलसी मानस मंदिर में सुबह और शाम भक्तों की भीड़ लगी रहती है। वहीं, सावन के पवित्र महीने में यहां दर्शनार्थियों का तांता लगा रहता है।