आदर्श अवधि: 45 मिनट - 1 घंटा
सही वक्त: साल भर
निकटतम हवाई अड्डा: कोचीन इंटरनेशनल
निकटतम रेलवे स्टेशन:
अंबालापुझा श्री कृष्ण मंदिर, विरासत का प्राचीन प्रतीक, चेंबबसेरी पुरंदम के एक शासक तिरुनल देवनारायण थम्पूर्णा द्वारा 790 ईस्वी के आसपास बनाया गया था। मंदिर के पीठासीन देवता पार्थसारथी को दाहिने हाथ में चाबुक और बाएं हाथ में शंख के साथ योद्धा के रूप में दिखाया गया है।
शंख को अक्सर भगवान विष्णु या उनके अवतारों का प्रतीक माना जाता है। अंबालापुझा श्री कृष्ण मंदिर उन दुर्लभ मंदिरों में से एक है, जिनमें पीठासीन देवता के पास शंख के साथ-साथ कोड़ा भी है।
यह मंदिर पौराणिक रूप से प्रसिद्ध गुरुवायुरप्पन से भी जुड़ा हुआ है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में प्रतिदिन गुरुवायुरप्पन आते हैं, जहां वे नैवेद्यम के लिए परोसे गए दूध-दलिया प्रसाद(पायसम) का आनंद लेते हैं।
मंदिर में पीठासीन देवता की स्थापना की याद में हर साल अंबालापुझा उत्सव मनाया जाता है। अरट्टू त्यौहार यहाँ मनाया जाने वाला एक और वार्षिक त्यौहार है।