आदर्श अवधि: 1-2 घंटे
सही वक्त: साल भर
निकटतम हवाई अड्डा: जोधपुर
निकटतम रेलवे स्टेशन:
राजस्थान के प्राचीन मंदिरों में से एक है झालरापाटन का सूर्य मंदिर। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण नाग भट्ट द्वितीय ने विक्रम संवत 872 में किया था, तदनुसार, इसे 815 ईस्वी में बनाया गया था।
इस मंदिर को पद्मनाभ मंदिर, बड़े मंदिर और सात दोस्तों के मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। इन मंदिरों की वास्तुकला कोणार्क सूर्य मंदिर और खजुराहो के मंदिर से मिलती जुलती है। मंदिर का निर्माण सूर्य के रथ की तरह है, जिसमें सात घोड़े विराजमान हैं।
इसी तरह, इस मंदिर की नींव पत्थर की तरह लगती है जैसे सात घोड़े हैं। मंदिर के गर्भ गृह में भगवान विष्णु की मूर्ति है। कर्नल जेम्स ने इसे चतुर्भुज मंदिर (चतुर्भुज मंदिर) का नाम भी दिया।
मंदिर के बाईं ओर की नायिकाओं की मूर्ति इतनी आकर्षक और कामुक है कि आप इस मंदिर की मूर्तियों के बारे में सोचना शुरू कर देंगे कि उन्होंने इस मंदिर की मूर्तियों को बनाया और इसे हथौड़ों या जादू से बनाया। मंदिर के बाहरी हिस्से पर उकेरी गई नायिकाओं की मूर्तियों की सुंदरता आपको अभिभूत कर देती है।