आदर्श अवधि: 1-3 घंटे
सही वक्त: साल भर
निकटतम हवाई अड्डा: डिब्रूगढ़
निकटतम रेलवे स्टेशन: सिमलुगुरी
चराइदेव असम में घूमने के लिए एक प्रसिद्ध जगह है। यह नागालैंड की तलहटी में स्थित शिवसागर से लगभग 28 किमी दूर है। चराईदेव को एक व्यक्ति ने बनवाया था जिसका नाम सुखापा था और यह अहोम वंश की राजधानी थी।
यह स्थान लोकप्रिय रूप से असम के पिरामिड के रूप में जाना जाता है। इस जगह में अहोम वंश के शासकों और रानियों के कई कब्रगाह भी हैं, और इन्हें बहुत पवित्र माना जाता है। चराईदेव की पहाड़ी की चोटी पर राजाओं और रानियों के लगभग 42 मकबरे हैं।
इन मकबरों की वास्तुकला मिस्र के पिरामिडों से काफी मिलती-जुलती है और ये मकबरे उस समय के दौरान असम के राजमिस्त्री द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्य को दर्शाते हैं।
चराइदेव के आकर्षण का केंद्र इसकी कब्रें हैं जो अहोम वंश के शासकों की जीवन शैली और संस्कृति के बारे में बहुत सारी जानकारी प्रदान करती हैं। पूरे मकबरे को घेरने वाला अष्टकोणीय बौना तिजोरी का वास्तुशिल्प आकर्षण है। भूमिगत तहखानों पर की गई एक मंत्रमुग्ध कर देने वाली पुष्प वास्तुकला, और कक्ष मिट्टी के टीले से ढके हुए हैं।
चराईदेव के पास सुकफा पार्क नाम का एक पार्क भी है और बच्चों के मनोरंजन के ढेर सारे विकल्प हैं। चराइदेव शिवसागर में घूमने लायक जगह है। यह उस वैभव और सुंदरता के बारे में एक अंतर्दृष्टि देता है जो प्राचीन युगों में थी। इस जगह की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय सर्दियों के दौरान होता है।
साल भर 06:00 पूर्वाह्न - 06:00 अपराह्न, अंतिम प्रविष्टि: 05:30 अपराह्न
सार्क: रुपया 20 (सभी व्यक्ति)
भारतीय: रुपया 20 (सभी व्यक्ति)
दूसरे देश: रुपया 250 (Adult 15Plus)